Chalo Delhi: 13 फरवरी को पंजाब से 23 किसान संगठनों का मोर्चा शंभू, डबवाली और संगरूर के निकट खनौरी बॉर्डर से दिल्ली कूच करने वाले है| गांव स्तर पर बैठकें करके किसानों को दिल्ली में अधिक से अधिक लोगों से जुड़ने को कहा जा रहा है। गांव-गांव जाकर राशन, फंड और आवश्यक सामान, जैसे तिरपालें और ट्रालियां, एक बड़े किसान आंदोलन की ओर बढ़ रहे हैं। महिलाएं इस आंदोलन में अधिक भाग लेंगी।
हालाँकि, संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने इस बार दिल्ली कूच से दूरी बनाई है. फिर भी, एसकेएम ने लोगों से 16 फरवरी को ग्रामीण भारत बंद और औद्योगिक और क्षेत्रीय हड़ताल में भाग लेने की अपील की है। हरियाणा के किसान संगठन भी किसानों के इस मोर्चा में शामिल हैं।
किसानों को एकजुट करने के लिए कई संगठन काम कर रहे हैं, जिनमें भारतीय किसान यूनियन (एकता सिद्धपुर), जगजीत सिंह धालीवाल, प्रोग्रेसिव फार्मर्स फ्रंट, भाकियू (शहीद भगत सिंह), किसान मजदूर संघर्ष समिति, भारतीय किसान नौजवान यूनियन पंजाब और किसान मजदूर मोर्चा शामिल हैं।
किसान नेता डल्लेवाल ने कहा कि केंद्र सरकार ने न तो 2014 और 2019 के चुनाव पूर्व वादे पूरे किए और न ही दिसंबर 2021 में दिल्ली आंदोलन को उठाने के समय किए वादे पूरे किए। भारतीय किसान नौजवान यूनियन के अध्यक्ष अभिमन्यु कुहाड़ ने कहा कि पंजाब और हरियाणा के किसान अंबाला के पास शंभू बॉर्डर, सिरसा जिले में डबवाली सीमा और संगरूर के पास खनौरी सीमा से अपना ट्रैक्टर मार्च शुरू करेंगे और दिल्ली पहुंचेंगे।
Chalo Delhi: सरकार चाहे कितनी सीमा बना ले, दिल्ली पहुंचकर रहेंगे
पंजाब सरकार की कठोर प्रतिक्रिया के बावजूद हजारों किसान दिल्ली की ओर बढ़ रहे हैं। किसानों ने अभी विभिन्न जिलों में धरने लगाए हैं। किसान जत्थेबंदी ने चेतावनी दी है कि वे दिल्ली पहुंचकर ही रहेंगे, चाहे सरकार कितनी भी बैरिकेडिंग कर ले। भारतीय किसान यूनियन क्रांतिकारी के अध्यक्ष रणजीत सिंह सवाजपुर ने कहा कि किसान दिल्ली (Chalo Delhi) में जंतर-मंतर पर अपनी मांगों को लेकर धरना-प्रदर्शन करेंगे।
उनका स्पष्ट मत था कि यह आंदोलन अनिश्चितकालीन होगा। जब तक किसानों और कर्मचारियों की मांगें पूरी नहीं की जाएंगी, यह जारी रहेगा। फिर इसके लिए किसानों को कुर्बानी क्यों नहीं देनी चाहिए? किसान बहुत सब्र कर चुके हैं, लेकिन अब वह चुप नहीं बैठेंगे। किसान जत्थेबंदियों के नुमाइंदों को जिस भी गांव जाते हैं, वहां के लोगों से पूरा सहयोग मिलता है।
दिल्ली जाने वाले किसान के परिवार को पूरा सहयोग मिलेगा
किसान नेता टहल सिंह ने बताया कि दिल्ली आंदोलन में भाग लेने वाले किसानों के परिवारों की पूरी मदद करने के लिए कुछ निर्णय किए गए हैं। इसके अनुसार, उस किसान के परिवार को गेहूं की खेती सहित किसी भी तरह की सहायता चाहिए होगी तो स्थानीय लोग करेंगे। ताकि किसान पूरी तरह से आंदोलन में शामिल हो सके।
Chalo Delhi: किसानो की प्रमुख मांगे
- सभी फसलों की खरीद पर MPS गारंटी अधिनियम बनाये
- किसानों और मजदूरों के लिए पूर्ण ऋण माफी
- देशभर में सभी आंदोलनों के दौरान दर्ज मामले रद्द हो
- लखीमपुर खीरी हत्या मामले में न्याय
- समझौते के अनुसार घायलों को 10 लाख रुपये का मुआवजा
- दिल्ली में किसान मोर्चा के शहादत स्मारक के लिए जगह दे
- आंदोलन में मरने वाले किसानों – मजदूरों के परिवारों को मुआवजा और नौकरी दी जाए
- बिजली क्षेत्र को निजी हाथों में देने वाले विधेयक को निरस्त किया जाए।
- कृषि क्षेत्र को वादे के अनुसार प्रदूषण कानून से बाहर रखा जाना चाहिए।
- कृषि वस्तुओं, दूध उत्पादों, फलों, सब्जियों और मांस आदि पर आयात शुल्क कम करने के लिए भत्ता बढ़ाया जाए।
- किसानों और 58 वर्ष से अधिक आयु के कृषि मजदूरों के लिए पेंशन योजना लागू हो।
- स्वामीनाथन रिपोर्ट को लागू किया जाए
हरियाणा : पुलिस हाई अलर्ट, छुट्टियां रद्द हो सकती हैं
Chalo Delhi: किसानों की वृद्धि को देखते हुए हरियाणा सरकार ने पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा है। पंजाब के साथ लगते जिलों में सुरक्षा बढ़ी है। हर हाल में, डीसी और एसएसपी को उनके जिले में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए आदेश दिए गए हैं। पुलिस कर्मियों की छुट्टियां भी सरकार ने रद्द कर सकती हैं। गुरुवार को पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी इस बारे में चर्चा की है। अभी तक इसके आधिकारिक आदेश नहीं मिले हैं। इस पर शुक्रवार को निर्णय हो सकता है।
दिलचस्प खबरों के लिए यहाँ क्लिक करे
यूट्यूब चैनल पर शॉर्ट्स देखने के लिए यहाँ क्लिक करे
पंजाब में और क्या चल रहा है – यहाँ से क्लिक कर के जाने