Rajasthan: श्री राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वर्गीय सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की विधवा पत्नी शीला शेखावत ने सरकार से उनकी मांगे पूरी करने के लिए 2 दिन का समय दिया है। अगर, मांगे नहीं मानी गई तो तीन मार्च को राजपूत समाज सड़कों पर उतरेगा और मुख्यमंत्री आवास के लिए पैदल मार्च निकालेगा।
Rajasthan : 5 दिसंबर 2023 को श्री राजपूत करणी सेवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी को उन्हीं के घर में घुसकर दो अज्ञात लोगों के द्वारा गोलियों से छलनी कर दिया गया था। इसके बाद सर्व समाज के द्वारा सड़कों पर उतरकर एक बड़ा प्रदर्शन किया गया। यह प्रदर्शन जयपुर में ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश और देश के कई हिस्सों में देखने को मिला था। इस प्रदर्शन के दबाव में आकर सरकार के कई मंत्री जयपुर में मेट्रो हॉस्पिटल के सामने सुखदेव सिंह गोगामेड़ी के परिवार से मिलने पहुंचे थे।
Rajasthan : सुखदेव सिंह गोगामेड़ी के परिवार की सुरक्षा एवं भरण पोषण के लिए संघर्ष समिति द्वारा कुछ मांगे रखी गई थी, जिसमें प्रथम मांग अपराधियों की गिरफ्तारी थी। उसके अलावा परिवार के पालन पोषण के लिए मुआवजा, परिवार में योग्य व्यक्ति के लिए सरकारी नौकरी एवं इसी प्रकार की अन्य मांगे रखी गई थी। उसी वक्त भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता राजेंद्र राठौड़ द्वारा इन मांगों पर सहमति की गई थी, सहमति बनने के बाद धरना खत्म किया गया था, परंतु सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की विधवा शीला शेखावत का कहना है कि 80 दिन बीत जाने के बाद भी ना तो कोई मांग पूरी हुई है और ना ही कोई उनके परिवार की सुध लेने के लिए पहुंचा है।
Rajasthan : भीड़ को काबू करना मेरे बस की नहीं
शीला शेखावत ने बताया कि वह कई मंत्रियों और नेताओं से मिली पर सिर्फ आश्वासन मिला, मांग किसी ने नहीं पूरी की। शीला शेखावत के अनुसार उन्होंने मुख्यमंत्री से भी मिलने का समय मांगा परंतु मुख्यमंत्री की व्यस्तता के कारण उनको मिलने का समय नहीं मिला। शिला शेखावत का कहना है अब अगर सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं देती तो तीन मार्च को वह अपने पैतृक गांव गोगामेड़ी से पैदल ही निकलेगी और मुख्यमंत्री आवास जाएंगी। शीला शेखावत का यह भी कहना है कि जब मैं अपने दोनों छोटे बच्चों को लेकर सड़क पर पैदल निकलूंगी तो मेरे साथ अपने आप आम जनता जुड़ती चली जाएगी और उसे जनता को काबू करना फिर मेरे बस का नहीं होगा।
Rajasthan : गवाहों को सुरक्षा दी जाए
शीला शेखावत ने अपनी प्रमुख मांगों में बताया कि उस घटनाक्रम के गवाहों को सुरक्षा दी जाए, क्योंकि अगर गवाह ही नहीं होगा तो न्याय कैसे मिलेगा। इसके साथ ही मुआवजा दिया जाए, उन्होंने कहा कि जब सबको मुआवजा मिला तो उनके परिवार को क्यों नहीं मिला। मुआवजे के अलावा सरकारी नौकरी की उनकी मांग है।
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