पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब में शुरू की गई मुख्यमंत्री तीर्थयात्रा योजना को चुनौती दी है। होशियारपुर निवासी परविंदर सिंह किताना ने योजना को चुनौती देते हुए कहा कि इससे प्रदेश का कोई लाभ नहीं हो रहा है और यह जनता के पैसे का दुरुपयोग है।
इसके बाद, हाईकोर्ट ने सरकार को 12 दिसंबर के लिए नोटिस भेजा है, जिसमें उसका उत्तर मांगा गया है। हाई कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि इस योजना पर रोक लगाने का क्या कारण है?
गुरुपर्व पर पंजाब सरकार ने 27 नवंबर को ‘मुख्यमंत्री तीर्थयात्रा योजना’ की शुरुआत की। 60 वर्ष से अधिक उम्र के पंजाब के आर्थिक रूप से कमजोर बुजुर्गों को इस योजना के तहत देश भर के तीर्थस्थलों की फ्री यात्रा कराई जाएगी।
ऐसी धर्मशालाओं में यात्रियों को ठहराया जाएगा। श्रद्धालु किट और भोजन भी उपलब्ध होगा। श्रद्धालुओं को उनकी भाषा में तैनात गाइड पूरी जानकारी देंगे। यात्रा को सफल बनाने के लिए अधिकारियों को भी जिम्मेदारी दी गई है। सरकार यह यात्रा बिल्कुल मुफ्त करती है। 50 हजार से अधिक लोग इस यात्रा से लाभ उठाएंगे। यात्रियों के खाने के लिए भी व्यवस्था होगी।
मुख्यमंत्री तीर्थयात्रा योजना के तहत श्री हजूर साहिब, श्री पटना साहिब, वाराणसी, मथुरा, वृंदावन और अजमेर शरीफ की रेलगाड़ी इन धार्मिक स्थानों की यात्रा करेगी। जबकि बसों के माध्यम से श्री अमृतसर साहिब, श्री तलवंडी साबो, श्री आनंदपुर साहिब, माता ज्वालाजी, चिंतपूर्णी देवी, नैना देवी, माता वैष्णो देवी, सालासर बालाजी धाम और खाटू श्याम धाम की यात्राएं की जाएंगी।