लुधियान : मुखयमंत्री भगवंत मान ने राज्य के सरकारी स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं की पूर्ति के लिए खजाने का मुंह खोला है, साथ ही सरकार जिला शिक्षा अधिकारियों और स्कूल प्रमुखों से बच्चों की इंफ्रास्ट्रकचर रिपोर्ट भी ले रही है। यही कारण है कि पंजाब सरकार द्वारा स्कूलों की हालत सुधारने के लिए जारी किए गए पैसे बहुत जल्दी खर्च हो रहे हैं। शिक्षा विभाग की टीमें स्कूलों को भी विजिट कर रही हैं, यह चैक करने के लिए। हालाँकि, कई जिलों से टीमों द्वारा दी गई रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने स्कूल प्रमुखों और डीईओज़ को पत्र भी भेजा है।
पंजाब सरकार द्वारा प्रदान किए गए इन निधियों को खर्च करने में कई स्कूलों ने ढील दी है। शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को इस बारे में मिली रिपोर्टों का गंभीर संज्ञान लिया गया है और जिला शिक्षा अधिकारियों को भी इस विषय पर विचार करने का आदेश दिया गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, विभाग को विभिन्न जिलों से सूचना मिली है कि कई स्कूलों में चारदीवारी बनाने के लिए जारी किए गए धन को अभी तक खर्च नहीं किया गया है और न ही चारदीवारी बनाने का काम शुरू किया गया है। जिन स्कूलों में चारदीवारी की मरम्मत की जा रही है या उनकी ऊंचाई विभाग द्वारा निर्धारित मापदण्ड से कम है, उनके प्रमुखों को विभाग ने प्रस्ताव भी भेजा है। पत्र में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि प्रस्ताव भेजने के बाद यदि कोई स्कूल बिना चारदीवारी के पाया जाता है तो प्राइमरी स्कूलों की पूरी जिम्मेदारी सेंटर हेड टीचर और अपार प्राइमरी स्कूलों के लिए स्कूल प्रमुख की होगी।
यह सुनिश्चित करने के लिए प्राइमरी स्कूलों को सेंटर हेड टीचर, स्कूल प्रमुख और संबंधित जिले के उप जिला शिक्षा अधिकारी से प्रमाण पत्र मिलना चाहिए कि उनके जिले में कोई भी स्कूल बिना चारदीवारी के नहीं है।
वहीं, 12 दिसंबर तक किसी स्कूल में फेंसिंग की कमी की रिपोर्ट की जानी चाहिए। ऐसा नहीं होने पर नियमानुसार संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।इसके साथ, विभाग ने लिखे जाने वाले स्लोगन और चहारदीवारी की कलर कोडिंग का चुनाव करने के लिए एक कमेटी बनाई है। इस संबंध में जल्द ही दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे। जिन स्कूलों में सूखे या असुरक्षित पेड़ हैं, वे तत्काल कार्रवाई करते हुए रिपोर्ट को स्कूल विभाग द्वारा जारी पत्र के अनुसार हेड ऑफिस को भेजना सुनिश्चित करेंगे।
सभी विद्यार्थियों के लिए फर्नीचर व्यवस्था विभाग ने कहा कि सभी जिला शिक्षा अधिकारी प्रत्येक जिले के सरकारी स्कूलों में प्राइमरी से 12वीं कक्षा तक पढ़ने वाले सभी विद्यार्थियों को दो अलग-अलग डेस्क प्रदान करने की गारंटी देंगे। प्राइमरी स्कूलों में कोई भी विद्यार्थी जमीन पर नहीं बैठेगा। प्राइमरी स्कूलों को यह सुनिश्चित करने के लिए सेंटर हेडटीचर, स्कूल प्रमुख और संबंधित जिले के उप जिला शिक्षा अधिकारी से प्रमाण पत्र लेना होगा कि किसी भी विद्यार्थी अपने क्षेत्र में जमीन पर नहीं बैठ रहा है। 12 दिसंबर तक किसी स्कूल में पर्याप्त डुअल डेस्क की कमी होने की रिपोर्ट भेजना सुनिश्चित की जाए। ऐसा नहीं होने पर नियमानुसार संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।