Punjab and Haryana High Court: होशियारपुर की ९० वर्षीय विधवा गुरदेव कौर ने हाईकोर्ट में अपील की थी। गुरदेव कौर को उसके ही बेटे ने घर से बाहर निकाल दिया था। कोर्ट ने होशियारपुर डीसी को मकान को अधिग्रहण करने में एसएसपी की मदद करने का आदेश दिया है।
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट (High Court) ने स्पष्ट किया कि वृद्ध माता-पिता को मात्र गुजारा भत्ता देने का अर्थ नहीं है कि वे अपनी संपत्ति से अपने बच्चों को छोड़ सकते हैं।
होशियारपुर की ९० वर्षीय विधवा गुरदेव कौर की याचिका को हाईकोर्ट के जस्टिस विकास बहल ने स्वीकार कर लिया है। गुरदेव कौर को उसके ही बेटे ने घर से बाहर निकाल दिया था।
जस्टिस बहल ने होशियारपुर के डिप्टी कमिश्नर को आदेश दिया है कि वे एसएसपी की मदद लें और किसी भी व्यक्ति को इसमें बाधा डालने पर कार्रवाई करें। साथ ही एसएसपी को गुरदेव कौर को पूरी सहायता देने के लिए कहा गया है।
होशियारपुर की ९० वर्षीय विधवा गुरदेव कौर की याचिका को हाईकोर्ट के जस्टिस विकास बहल ने स्वीकार कर लिया है। गुरदेव कौर को उसके ही बेटे ने घर से बाहर निकाल दिया था।
जस्टिस बहल ने होशियारपुर के डिप्टी कमिश्नर को आदेश दिया है कि वे एसएसपी की मदद लें और किसी भी व्यक्ति को इसमें बाधा डालने पर कार्रवाई करें। साथ ही एसएसपी को गुरदेव कौर को पूरी सहायता देने के लिए कहा गया है।
गुरदेव कौर ने High Court का दरवाजा खटखटाया
इस मामले में गुरदेव कौर ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और मांग की कि उसे भरण-पोषण के बकाए के साथ 23 अगस्त 2018 को जिला मजिस्ट्रेट होशियारपुर द्वारा पारित अंतिम आदेश के अनुसार उसके आवासीय मकान पर कब्जा दिया जाए। उसके बेटे ने डीएम होशियारपुर की ओर से माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों के भरण-पोषण और कल्याण अधिनियम के तहत पारित निर्णय को हाई कोर्ट (High Court) में चुनौती दी, जो पांच अप्रैल, 2022 को खारिज हो गया। इसके बावजूद, याचिकाकर्ता को उस रिहायशी घर पर कब्जा नहीं दिया गया, जिस पर उसके बेटे ने अवैध रूप से कब्जा कर रखा था।
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