Miri Piri Divas: छठे पातशाह श्री गुरु हरगोबिंद साहिब का मीरी पीरी दिवस श्री अकाल तख्त साहिब पर श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाया गया।
इस अवसर पर श्री अखंड पाठ साहिब के भोग के बाद सचखंड श्री हरमंदिर साहिब के उपस्थित रागी जत्था ने संगत को गुरबाणी कीर्तन सरवण कराया।
Miri Piri Divas: श्री अकाल तख्त साहिब पर गुरमत समारोह
प्रार्थना भाई गुरचरण सिंह ने की और पवित्र आदेश श्री अकाल तख्त साहिब के मुख्य ग्रंथी ज्ञानी मलकीत सिंह ने लिया। कार्यक्रम के दौरान श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने संगत को मीरी पीरी दिवस की बधाई दी और कहा कि छठे पातशाह श्री गुरु हरगोबिंद साहिब ने मीरी पीरी की कृपाण धारण कर सिख समुदाय को धर्म से जुड़ने के सिद्धांत का आशीर्वाद दिया था। आत्मा और दीन-दुखियों की रक्षा करने वाला है
जबकि छठे राजा ने सिखों को बख्तरबंद करने का आदेश दिया, उन्होंने संगत को अच्छे नस्ल के घोड़े और कवच पेश करने का भी आदेश दिया। उन्होंने संगत से अपील की कि गुरु पातशाह के आशीर्वाद वाले सिद्धांतों के अनुसार प्रत्येक सिख को अमृतधारी बनना चाहिए और पंज काकरी को अपनाना चाहिए। समागम के दौरान संगत को श्री अकाल तख्त साहिब पर सुशोभित श्री गुरु हरगोबिंद साहिब की ऐतिहासिक मीरी और पीरी कृपाणों के दर्शन भी करवाए गए।
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