Farmers Protest : किसान आंदोलन ने अब हिंसक रूप ले लिया है। पंजाब एवं हरियाणा को जोड़ने वाले शंभू बॉर्डर पर किसानों ने पत्थरबाजी भी शुरू कर दी है। वहीं पुलिस की ओर से लगातार आंसू गैस के गोले दागे जा रहे हैं। इस हिंसक कार्रवाई में करीब 13 लोग जख्मी हो गए हैं। इस मुद्दे पर राजस्थान के कृषि मंत्रीका निवेदन सामने आया हें जिसमे वो इस आन्दोलनको विपक्ष का हाथ हें इसे आरोप लगा रहे हें.
Farmers Protest: राजस्थान के कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने दिल्ली कूच करने पर अड़े किसानों के आंदोलन पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि इससे किसानों का नहीं बल्कि विपक्षी दलों की भला होगा। लोकसभा चुनाव नजदीक आते ही किसानों ने आंदोलन शुरू किया है। आप स्पष्ट रूप से समझ सकते हैं कि इसमें विपक्षी राजनीतिक दलों का हाथ है। ये आंदोलन किसान के हित में नहीं बल्कि राजनीतिक पार्टियों को फायदा पहुंचाने के लिए हैं। किरोड़ी ने दावा किया है कि किसान आंदोलन के पीछे विपक्षी पार्टियों का हाथ है।
Farmers Protest : दिल्ली कूच पर अड़े किसान
हरियाणा और पंजाब के किसान अपनी मांगों को मनवाने के लिए दिल्ली कूच पर अड़े हैं। मंगलवार को किसानों ने आंदोलन शुरू किया है। इससे पहले ही प्रशासन ने दिल्ली के हर बॉर्डर की सिक्योरिटी टाइट कर दी थी और हजारों की संख्या में जवान तैनात किए गए हैं। हर जगह बैरिकेडिंग लगाए गए हैं। लेकिन किसान दिल्ली कूच को लेकर पूरा जोर लगा रहे हैं। किसानों की भगदड़ के चलते पुलिस प्रशासन के भी हाथ पांव फूले जा रहे हैं।
Farmers Protest : किसानों को ट्रैक्टरों से यात्रा करने की अनुमति नहीं
किसानों के दिल्ली चलो मार्च पर अंबाला रेंज के आईजी सिबाश कबिराज का कहना है कि हम पंजाब से आने वाले किसानों का स्वागत करते हैं, लेकिन अगर वह ट्रैक्टरों पर यात्रा करते हैं तो इससे आम लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। किसान भाई अगर बस-ट्रेन के जरिए या पैदल आए तो बेहतर होगा। ट्रैक्टरों पर आएंगे तो उन्हें अनुमति नहीं मिलेगी। पूरे इलाके में धारा 144 लगा दी गई है।
Farmers Protest : 200 से अधिक किसान संगठनों का आंदोलन
किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानून बनाने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। किसान दिल्ली मोर्चा के दौरान केंद्र सरकार ने जिन मांगों को पूरा करने का भरोसा दिया था उन्हें तुरंत प्रभाव से लागू करने पर अड़े हैं। मंगलवार को शुरू हुए किसान आंदोलन में लगभग किसानों के 200 संगठन दिल्ली कूच पर निकले हैं। इससे पहले साल 2020-21 में भी आंदोलन चलाया गया था। 2020 के आंदोलन में राकेश टिकैत ने बड़ी भूमिका निभाई थी।
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