बागेश्वर धाम के बाबा धीरेंद्र शास्त्री पहुंचे अमृतसर स्वर्ण मंदिर

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बागेश्वर धाम के बाबा धीरेंद्र शास्त्री
बागेश्वर धाम के बाबा धीरेंद्र शास्त्री

बागेश्वर धाम के बाबा धीरेंद्र शास्त्री पहुंचे अमृतसर, पीली पगड़ी पहन स्वर्ण मंदिर में हुए नतमस्तक इस दौरान धीरेंद्र शास्त्री ने पीली पगड़ी पहनी हुई थी। धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि मैंने आज पगड़ी पहनी है, यह पंजाब की परम्परा है। मुझे पंजाब आकर बहुत अच्छा लगा। बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र शास्त्री 21 से 23 अक्तूबर तक पठानकोट में समागम में शिरकत करेंगे। बागेश्वर धाम के बाबा धीरेंद्र शास्त्री शनिवार को अमृतसर पहुंचे और श्री हरमंदिर साहिब में नतमस्तक हुए। इस दौरान धीरेंद्र शास्त्री ने पीली पगड़ी पहनी हुई थी। धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि मैंने आज पगड़ी पहनी है, यह पंजाब की परम्परा है। मुझे पंजाब आकर बहुत अच्छा लगा। बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र शास्त्री 21 से 23 अक्तूबर तक पठानकोट में समागम में शिरकत करेंगे। शास्त्री ने स्वर्ण मंदिर में कड़ाह प्रसाद की देग करवाई और और माथा टेकते हुए श्री गुरु ग्रंथ साहिब के लिए एक सुंदर रुमाला साहिब भेंट किया। उन्होंने सभी की भलाई के लिए वाहेगुरु के सामने अरदास की। इस अवसर पर सूचना अधिकारी अमृतपाल सिंह व रणधीर सिंह ने सिख इतिहास व सिख मर्यादा के बारे में उनको जानकारी दी। इस मौके पर उनके साथ गायक इंद्रजीत सिंह निक्कू भी मौजूद थे। मीडिया से बातचीत में बागेश्वर बाबा ने कहा कि वह पठानकोट में तीन दिवसीय भागवत कथा व कार्यक्रम में भाग लेने के लिए पंजाब आए हैं। 21 से 23 अक्टूबर तक यह कार्यक्रम होगा। उन्होंने श्री हरमंदिर साहिब में लोगों के कल्याण के लिए प्रार्थना की। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म और श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की कृपा बनी रहनी चाहिए। पंजाबी पगड़ी पहनना खुशी की बात है। उन्होंने कहा कि गुरुओं की धरती पंजाब आकर उनको बहुत अच्छा लगा है। वह श्री दुर्ग्याणा मंदिर भी माथा टेकने के लिए गए।

* स्वर्ण मंदिर, अमृतसर
भारत में कई धर्मों के मानने वाले रहते हैं. इनमें से एक है सिख धर्म, जिसके ज़्यादातर मानने वाले भारत के उत्तरी राज्य पंजाब में बसते हैं. सिख धर्म मानने वाले सिर्फ़ एक भगवान को मानते हैं और 10 पवित्र गुरुओं के बताए रास्ते पर चलते हैं. अमृतसर शहर दुनिया भर में बसे 2 करोड़ सिख लोगों के लिए धार्मिक और प्रशासनिक दोनों तरह की ज़िम्मेदारियां निभाती हैं.