Lawrence Bishnoi & landline phones: पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने जेल से लॉरेंस बिश्नोई के दो इंटरव्यू के मामले में एक एसआईटी को इस मामले की जांच करने के लिए दो महीने के भीतर रिपोर्ट देने का आदेश दिया है। साथ ही हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार से मांगी गई आठ महीने की मोहलत को गैर वाजिब बताया और इस मामले में फिर से सुनवाई करने का आदेश दिया।
पंजाब सरकार ने मामले की सुनवाई शुरू होते ही हाईकोर्ट को जेलों की सुरक्षा, उपकरणों की खरीद और विभिन्न नियमों को लागू करने के लिए एक अवधि दी। इस बार जवाब दाखिल किया गया, हाईकोर्ट में पहली सुनवाई पर दी गई समय सीमा को कम करके। इस जवाब पर आपत्ति जताते हुए इस मामले में अदालत का सहयोग कर रही वकील तनु बेदी ने कहा कि जेलों में मोबाइल फोन की तस्करी का सबसे बड़ा कारण यह है कि जेलों में लैंडलाइन फोन (landline phones) की पर्याप्त संख्या नहीं है, इसलिए लोग अपने परिजनों से बात नहीं कर पाते। जेलों में पर्याप्त लैंडलाइन फोन उपलब्ध होने से मोबाइल तस्करी के 90 प्रतिशत मामले समाप्त हो जाएंगे।
जवाब में राज्य सरकार ने कहा कि सभी जेलों में जमीन की व्यवस्था करने में आठ महीने लगेंगे। इसके लिए बजट की आवश्यकता नहीं बताई गई थी। हाईकोर्ट ने कहा कि जेलों में मोबाइल फोन की तस्करी की सबसे बड़ी वहज होने और बजट की आवश्यकता नहीं होने के बावजूद इस काम के लिए आठ महीने मांगे जा रहे हैं, जो अनुचित है।
हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई पर इस अवधि को कम करके अदालत को सूचित करने का आदेश दिया है। इसके अलावा, हरियाणा और पंजाब सरकारों को जेलों की मुख्य दीवारों के आसपास अधिक सुरक्षा प्रदान करने का आदेश दिया गया है।
CCTV कैमरे होंगे इंस्टॉल
एआई सीसीटीवी कैमरे होंगे इंस्टॉल पंजाब सरकर ने बताया कि जेलों में अत्याधुनिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से युक्त सीसीटीवी कैमरे इंस्टॉल किए जाएंगे। कैमरे हाईडेफिनेशन वाले होंगे और नाइट विजन की क्षमता से युक्त होंगे। इनके माध्यम से कैदियों की निगरानी बेहतर तरीके से की जा सकेगी। हालांकि अतिरिक्त बैरिक निर्माण के लिए करीब डेढ़ वर्ष का समय लगेगा।
landline phones:
हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान अदालत का सहयोग कर रही एडवोकेट तनु बेदी से पूछा कि क्या हरियाणा में भी मोबाइल तस्करी के बड़े मामले जेलों में सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा कोई मामला कभी चर्चा में नहीं आया था। हाईकोर्ट ने कहा कि यह चर्चा में नहीं आया इसका अर्थ नहीं है कि सब कुछ सही है। हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को अगली सुनवाई पर जेलों में मोबाइल फोन के इस्तेमाल से जुड़े मामलों की सूची देने का आदेश दिया है।
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