Lohri 2024: लोहड़ी का पर्व पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। लोहड़ी मकर संक्रांति के दिन पहले हर साल मनाने की परंपरा है। इसलिए मकर संक्रांति 15 जनवरी है, लेकिन लोहड़ी का पर्व 13 जनवरी है। इस दिन आग के चारों ओर परिक्रमा लगाते हैं।
लोहड़ी सिख धर्म के साथ-साथ हिंदू धर्म के पंजाबी लोगों द्वारा मनाया जाने वाला एक लोकप्रिय त्योहार है। लोहड़ी मुख्य रूप से सिखों का त्योहार है हालांकि लोहड़ी का दिन हिंदू कैलेंडर के आधार पर तय किया जाता है। लोहड़ी का हिंदू त्योहार मकर संक्रांति से गहरा संबंध है और यह उससे एक दिन पहले मनाया जाता है। लोहड़ी (Lohri 2024) को लोहड़ी या लाल लोई के नाम से भी जाना जाता है।
यही कारण है कि लोहड़ी को सिख समुदाय मुख्य रूप से हर्षोल्लास के साथ मनाता है, लेकिन भारत के अन्य भागों में भी इसे मनाने का विधि-विधान बनाया गया है। अगर आप भी लोहड़ी मनाते हैं, तो आए जानते हैं कुछ दिलचस्प बातें।
लोहड़ी भारत में क्यों मनाई जाती है?
नई फसल की कटाई का उत्सव लोहड़ी है। नई फसल की कटाई पंजाब में खुशी और आमदनी लाती है। यही कारण है कि भारत में लोहड़ी (Lohri) का पर्व बड़े उत्साह से मनाया जाता है
लोहड़ी पूजा मुहूर्त 2024 | Lohri 2024 Shubh Muhurat
मकर संक्रांति के एक दिन पहले यानी जिस दिन सूर्य मकर राशि में आते हैं उससे एक दिन पहले लोहड़ी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन प्रदोष काल में यानी संध्या के समय लोहड़ी जलाते हैं।
इस नियम के अनुसार इस साल 13 जनवरी को लाभ चौघड़िया में 5 बजकर 44 मिनट से 7 बजकर 25 मिनट तक का समय शुभ रहेगा।
इस समय तक जो लोग लोहड़ी की पूजा नहीं कर लेते हैं उनके लिए दूसरा शुभ मुहूर्त रात 9 बजकर 7 मिनट से रात 10 बजकर 48 मिनट तक रहेगा।
इस समय शुभ चौघड़िया में लोहड़ी की पूजा करना लाभ और उन्नति प्रदान करने वाला रहेगा।
लोहड़ी की पूजा
लोहड़ी पर्व आग देव को समर्पित है। इस दिन अग्नि की पूजा की जाती है, जलाई जाती है और परिक्रमा की जाती है। घर में अग्नि पूजन करने से सुख-समृद्धि और सफलता मिलती है।
लोहड़ी (Lohri 2024) के दिन पश्चिम दिशा में अग्नि प्रज्वलित करें। फिर लोहड़ी की आग के पास सरसों के तेल का दीपक जलाएं, लोहड़ी की अग्नि में तिल अर्पित करें। इसके बाद अग्नि की 11 बार परिक्रमा लगाएं।
लोहड़ी पर पूजा की विधि
पहले लोहड़ी (Lohri 2024) के लिए इकट्ठी की गई लकड़ी को गंगाजल या पवित्र जल छिड़क कर शु्द्ध कर लेना चाहिए। फिर इसमें हल्दी, अक्षत, कुमकुम अर्पित करना चाहिए। इसके बाद अग्नि को प्रज्जवलित करके इसकी परिक्रमा करनी चाहिए और अग्नि में गेहूं की बालियां, गजक, मूंगफली, मक्का डालें। फिर ईश्वर से सुख शांति और समृद्धि की प्रार्थना करें।
लोहड़ी पर दान
लोहड़ी पर्व पर रेवड़ी, मक्का के फूले, मेवे, गजक, मूंगफली, नारियल, गन्ना, आदि देना शुभ माना जाता है। इन चीजों को लोहड़ी पर दान करने से व्यक्ति का घर हमेशा धन से भरा रहता है।
लोहड़ी पर क्या चढ़ाएं
लोहड़ी की पूजा करने से पहले आग जलाकर उसे के गोल घूम कर परिक्रमा करते हैं।
अग्नि की परिक्रमा के दौरान उसमें कुछ चीजें अर्पित की जाती हैं। वो हैं: तिल, गुड़, मूंगफली, रेवड़ी, गजक आदि।
लोहड़ी को क्या देना चाहिए?
लोहड़ी को कोई भी उपहार दे सकते हैं, लेकिन मूंगफली की भरी हुई पोटली सबसे पहला उपहार होना चाहिए। इसका कारण यह है कि मूंगफली की भरी हुई पोटली सुख, समृद्धि और शांति का प्रतीक होती है।
लोहड़ी के दिन क्या खाए
लोहड़ी के दिन गुड़-मूंगफली की पट्टी और तिल गजक खाना रिवाज है। तिल-गुड़ के लड्डू भी स्वादिष्ट हैं। लोहड़ी के दिन भी गुड़ खाना बहुत महत्वपूर्ण है।
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