तेलंगाना की नई अनुमुला रेवंत रेड्डी सरकार में दो महिला विधायकों को भी मंत्री बनाया गया है। मुलुग सीट से चुनी गईं सीताक्का ने जब शपथ ली तो, जनता से अचानक शोर उठा। हालांकि, उनकी भी फिल्मी सीन की तरह ही है। इससे पहले रेवंत ने आज मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।राज्य की राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन ने दोपहर 1.04 बजे 56 वर्षीय नेता को सीएम पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इसके साथ ही 11 अन्य नेताओं ने भी मंत्री पद की शपथ ली। आइये जानते हैं शपथ लेने वाली सीताक्का के बारे में…दनसारी अनसूया सीताक्का 1988 में नक्सलसियों के साथ जुड़ गई थीं। इसके साथ नक्सलियों के समूह में वह कमांडर बन गईं। इस बीच नक्सलवाद में शामिल उनके भाई और पति की पुलिस मुठभेड़ों में मौत हो गई। अंततः चंद्रबाबू सरकार में उन्होंने मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया।
दसवीं कक्षा की पढ़ाई करने के बाद सीताक्का 1988 में नक्सलियों के साथ जुड़ गई थीं। इसके साथ नक्सलियों के समूह में वह कमांडर बन गईं। इस बीच नक्सलवाद में शामिल उनके भाई और पति की पुलिस मुठभेड़ों में मौत हो गई। अंततः चंद्रबाबू सरकार में उन्होंने मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया।
आत्मसमर्पण करने के बाद सीताक्का ने जगलों में रहने वाली आदिवासियों के उत्थान के लिए काम करना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे वह आदिवासी इलाकों में लोकप्रिय हो गईं और 2009 में तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) ने उन्हें विधानसभा का टिकट दे दिया। उन्होंने मुलुग सीट से पहली बार चुनाव जीता और विधानसभा पहुंच गईं। हालांकि, तेलंगाना बनने के बाद उन्होंने टीडीपी को अलविदा कह दिया और रेवंत रेड्डी के साथ कांग्रेस में आ गईं।
आदिवासी नेता सीताक्का का भी नाम तेलंगाना के मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल रहा। आज उन्होंने तेलंगाना कैबिनेट में मंत्री पद की शपथ ली। मुलुग सीट से उतरीं दनसारी अनसुया उर्फ सीताक्का ने 33,700 वोटों से चुनाव जीतकर यहां हैट्रिक लगाई है।
सार्वजनिक जीवन में भारी व्यस्तता के बावजूद उन्होंने अपनी पढ़ाई भी जारी रखी। 2022 में कांग्रेस विधायक ने ओस्मानिया विश्विद्यालय से राजनीति विज्ञान में पीएचडी की डिग्री हासिल की। सीताक्का के पास 82 लाख रुपये की संपत्ति है। इनमें नकदी के रूप में उनके पास एक लाख रुपये हैं। इसके साथ ही कांग्रेस नेता के पास 60 ग्राम के सोने के आभूषण हैं जिसकी कीमत तीन लाख रुपये है।