SHIVSENA : शिवसेना का कांग्रेस पर तंज ,रथ में 27 घोड़े लेकिन सारथी नहीं  

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    SHIVSENA : शिवसेना का कांग्रेस पर तंज ,रथ में 27 घोड़े लेकिन सारथी नहीं  
    SHIVSENA : शिवसेना का कांग्रेस पर तंज ,रथ में 27 घोड़े लेकिन सारथी नहीं  

    SHIVSENA : शिवसेना का कांग्रेस पर तंज ,रथ में 27 घोड़े लेकिन सारथी नहीं .SHIVSENA : शिवसेना का कांग्रेस पर तंज ,रथ में 27 घोड़े लेकिन सारथी नहीं  SHIVSENA : शिवसेना का कांग्रेस पर तंज ,रथ में 27 घोड़े लेकिन सारथी नहीं   शिवसेना पार्टी (उद्धव गुट) के मुखपत्र सामना में ‘इंडिया’ गठबंधन को लेकर कहा गया कि इस रथ में 27 घोड़े लेकिन एक भी सारथी मौजूद नहीं। इसलिए आगामी चुनाव में रथ न फंसे इसके लिए संयोजक की नियुक्ति बेहद जरूरी हैं।

    मोदी सरकार के खिलाफ विपक्षी लामबंद हो गए हैं। भाजपा को टक्कर देने के लिए विपक्षियों ने एक गठबंधन बनाया, जिसे ‘इंडिया’ नाम दिया गया। इस गठबंधन में मौजूद समय में 27 विपक्षी दल शामिल है। लगातार विपक्षी दल ‘इंडिया’ गठबंधन बैठक में हिस्सा ले रहे हैं। वहीं उद्धव गुट की SHIVSENA : शिवसेना का कांग्रेस पर तंज ,रथ में 27 घोड़े लेकिन सारथी नहीं  शिवसेना पार्टी के मुख मत्र ‘सामना’ में इस गठबंधन की चुनौतियों और विपक्षी दलों सलाह दी गई है।

    SHIVSENA : रथ  में 27 घोड़े लेकिन सारथी नहीं- शिवसेना मुखपत्र

    SHIVSENA : शिवसेना का कांग्रेस पर तंज ,रथ में 27 घोड़े लेकिन सारथी नहीं   सामना में लिखे लेख में सलाह दी गई है कि विपक्षी गठबंधन को मजबूत करने की जरूरत है। सभी सहयोगियों को एक साथ लेकर चलना चाहिए। साथ ही कहा कि इस र

    थ में कई घोड़े हैं, लेकिन बस कमी है तो सिर्फ सारथी की। 2024 के आम चुनाव में गठबंधन को मजबूत करने के लिए सारथी का होना जरूरी है।  ‘इंडिया’ गठबंधन के रथ में 27 घोड़े हैं,लेकिन इसमें ‘सारथी’ नहीं है। ‘सारथी’ के न होने से रथ जमीन में फंस गया है। साथ ही कहा कि ‘इंडिया’ गठबंधन को एक संयोजक की जरूरत है। सामना में कहा गया कि जो लोग कहते हैं कि संयोजक की कोई आवश्यकता नहीं है, वे ‘इंडिया’ गठबंधन को नुकसान पहुंचा रहे हैं।

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    कांग्रेस पर तंज, कहा- 138 साल होने के जश्न में डूबी हुई

    साथ ही सहयोगी दल कांग्रेस पर ‘सामना’ में तंज कसा गया है। जिसमें कहा गया कि कांग्रेस 138 साल पूरे होने का जश्न मना रही है। इसके बजाए कांग्रेस को आने वाले आम चुनाव में कम से कम 150 सीटें जीतने का संकल्प करना चाहिए। बता दें उद्धव ठाकरे की नेतृत्व वाली शिवसेना भी ‘इंडिया’ गठबंधन का हिस्सा है। चर्चा है कि विधानसभा चुनावों में करारी हार के बाद 2024 के आम चुनावों में भाजपा से मुकाबला करने के लिए गठबंधन के दलों के बीच संयुक्त अभियान, सीट बंटवारे, रणनीति पर विचार विमर्श करने के लिए मंगलवार को नई दिल्ली में एक बैठक

    वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि इंडिया गठबंधन के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार का फैसला 2024 के आम चुनाव के बाद किया जाएगा। मंगलवार को ‘सामना’ में कहा गया कि कांग्रेस को 2024 के आम चुनावों में कम से कम 150 सीटें जीतने का संकल्प लेना चाहिए और यह तभी संभव है जब ‘इंडिया’गठबंधन मजबूत रहेगा।

    अगले साल लोकसभा चुनाव की तैयारियों और रणनीति बनाने के लिए विपक्षी गठबंधन इंडिया की बैठक आज दिल्ली में होगी। इसके लिए अलग-अलग पार्टियों के नेताओं का दिल्ली में जुटना शुरू हो चुका है। इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आज अपने चैंबर में इंडिया गठबंधन के सांसदों के साथ बैठक की।

    क्या हैं इंडिया गठबंधन की चुनौतियां?

    सीट बंटवारा, न्यूनतम साझा कार्यक्रम, हाल के विधानसभा चुनावों में झटके के बाद भाजपा से मुकाबला करने के लिए संयुक्त रणनीति गठबंधन के सामने मुख्य चुनौतियां हैं। बैठक में इन मुद्दों पर विचार-विमर्श किए जाने की संभावना है।

    इंडिया गठबंधन की पिछली बैठक अगस्त के अंत में हुई थी. इस बैठक में सभी दलों ने एक साथ लोकसभा चुनाव लड़ने का संकल्प लिया था. यह भी तय हुआ था जहां तक संभव हो बीजेपी के खिलाफ साझा उम्मीदवार उतारा जाएगा. गठबंधन के कामकाज के लिए कई कमेटी बनाने का ऐलान भी हुआ था, लेकिन इसमें कोई खास प्रगति नहीं हुई.

    सबसे बड़ा मुद्दा सीट बंटवारे का है. गठबंधन में शामिल ज्यादातर दल कांग्रेस पर ज्यादा सीटों छोड़ने का दबाव बना रहे हैं. राजनीतिक परिस्थितियों के मुताबिक कांग्रेस करीब 310 सीटों पर लड़ सकती है और करीब 230 सीटें सहयोगियों के लिए छोड़ सकती है. बात बन गई तो इंडिया गठबंधन में कांग्रेस अलग-अलग राज्यों में जितनी सीटें लड़ सकती है उसका स्वरूप कुछ ऐसा हो सकता है –

    जम्मू कश्मीर में 2

    लद्दाख में 1

    पंजाब में 6

    चंडीगढ़ में 1

    हिमाचल प्रदेश में 4

    हरियाणा में 10

    दिल्ली में 3

    राजस्थान में 25

    गुजरात 26

    मध्य प्रदेश में 29

    छत्तीसगढ़ में 11

    यूपी में 15 से 20

    उत्तराखंड में 5

    बिहार में 6 से 8

    झारखंड में 7

    ओडिशा में 21

    बंगाल में 6 से 10

    आंध्र प्रदेश में 25

    तेलांगना में 17

    कर्नाटक में 28

    महाराष्ट्र में 16 से 20

    तमिलनाडु में 8

    केरल में 16

    पूर्वोत्तर में 25

    गोवा में 2

    सीट बंटवारे पर आसानी से नहीं बनेगी बात

    सीटों के बंटवारे पर चर्चा आसान है, लेकिन इसे लागू करना बेहद कठिन. बीजेपी से ज्यादा इंडिया गठबंधन की बड़ी चुनौती यही है. वैसे भी विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद साफ है कि यदि विपक्षी दल एकसाथ नहीं लड़े तो बीजेपी के सामने चुनौती की औपचारिकता भी नहीं होगी.

    अगले साल लोकसभा चुनाव की तैयारियों और रणनीति बनाने के लिए विपक्षी गठबंधन इंडिया की बैठक आज दिल्ली में होगी। इसके लिए अलग-अलग पार्टियों के नेताओं का दिल्ली में जुटना शुरू हो चुका है। इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आज अपने चैंबर में इंडिया गठबंधन के सांसदों के साथ बैठक की।

    सीट बंटवारा, न्यूनतम साझा कार्यक्रम, हाल के विधानसभा चुनावों में झटके के बाद भाजपा से मुकाबला करने के लिए संयुक्त रणनीति गठबंधन के सामने मुख्य चुनौतियां हैं। बैठक में इन मुद्दों पर विचार-विमर्श किए जाने की संभावना है।