Punjab Congress: कांग्रेस पार्टी में बढ़ते विवाद को नवजोत सिद्धू की पंजाब की राजनीति में वापसी ने उजागर किया है। सिद्धू मालवा में आठ हजार लोगों की रैली करने के बाद अब दोआबा व माझा में भी अलग-अलग अखाड़े लगाने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने अपनी टीम को इस काम में लगाया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सिद्धू के निकटस्थ गौतम सेठ की शिकायत पर पंजाब इकाई (Punjab Congress) से तुरंत एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
कांग्रेस हाईकमान स्थानीय नेतृत्व और सिद्धू को दिल्ली बुला सकता है
रैली में सिद्धू के खिलाफ प्रताप सिंह बाजवा के भाषण (Sidhu-Bajwa debate) के अलावा अन्य विवरण मांगे गए। कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक के कारण अभी पंजाब से किसी नेता को दिल्ली नहीं बुलाया गया है, लेकिन कांग्रेस हाईकमान स्थानीय नेतृत्व और सिद्धू को दिल्ली बुला सकता है।
सिद्धू को अनुशासनहीनता के कारण Punjab Congress से निष्कासित करने की मांग
मलविंदर सिंह मल्ली, सिद्धू का वफादार समर्थक और सामाजिक कार्यकर्ता, बुधवार को अपनी टाइमलाइन पर एक्स पर एक पोस्ट साझा किया। इसमें बाजवा पर हमला करके कांग्रेस को गिरा दिया गया।
कुछ घंटे बाद, बाजवा का समर्थन करते हुए कांग्रेस के एक और समूह ने एक प्रेस बयान जारी कर सिद्धू को अनुशासनहीनता के कारण पार्टी से निष्कासित करने की मांग की।
बयान में उन्होंने कहा कि सिद्धू ने तहखाने में एक बम रखा है जो फटने का इंतजार कर रहा है। सिद्धू ने पास के कांग्रेस नेता गौतम सेठ की पोस्ट को फिर से शेयर किया, जिन्होंने उनका समर्थन किया और बाजवा की टिप्पणियों को दुर्भाग्यपूर्ण और अवांछित बताया। सीधे पोस्ट के जरिए सिद्धू ने अपनी आलोचना जारी रखी और कहा कि पंजाब में कांग्रेस (Punjab Congress) का कार्यक्रम व्यक्तिगत नेताओं से अधिक महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि 8,000 समर्थकों को सुविधाएं नहीं देनी चाहिए थीं और उन्हें बाधा क्यों बनाना चाहिए था? पंजाब के लोग आपकी पार्टी की योजनाओं पर भरोसा करते हैं और आपको दूसरा विकल्प मानते हैं? यही सब महत्वपूर्ण है। पिछले महीने सिद्धू ने पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित से भी मुलाकात की थी, जहां उन्होंने राज्य की कानून व्यवस्था की स्थिति और राज्य के वित्तीय संकट की जानकारी दी थी।
कांग्रेस हाईकमान के वरिष्ठ नेताओं ने बताया कि सिद्धू के खिलाफ कैप्टन की पूरी टीम और सभी मंत्रियों ने हाईकमान को लिखकर भेजा था कि सिद्धू अलग चलेंगे और उनको निकाला जाएगा, जब कैप्टन सीएम थे। उस समय कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो अब क्या होगा? कांग्रेस अब सरकार से बाहर है। विभिन्न सूत्रों, जिसमें सिद्धू गुट के तनाम नेताओं नाजर सिंह मानशाहिया भी शामिल हैं, का कहना है कि बाजवा पिछले महीने राज्य में मौजूदा सरकार के खिलाफ एक भी रैली करने में असफल रहे हैं।
गौतम सेठ का कहना है कि सिद्धू ने रैली करके पंजाब और केंद्र की आप सरकार पर निशाना साधा है, लेकिन बाजवा और उनके सहयोगियों को इससे क्या तकलीफ हुई? यह समझ से बाहर है।
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