हरियाणा के निर्वाचन क्षेत्रों को SGPC चुनाव से हटाने की मांग,  मामला पहुंचा हाईकोर्ट

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पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट SGPC चुनाव
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट SGPC चुनाव

SGPC Elections : पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में शिरोमणि गुरु ने प्रबंधक कमेटी (SGPC) चुनाव के लिए हरियाणा में मौजूद चुनाव क्षेत्रों को बाहर करने की मांग की है। याचिका में कहा गया है कि हरियाणा में अलग से गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी बनाई गई है। ऐसे में राज्य निर्वाचन क्षेत्रों को एसजीपीसी से बाहर करना चाहिए। रजिस्ट्री में दाखिल की गई इस याचिका पर जल्द ही सुनवाई होगी।

SGPC
SGPC elections

याचिका दाखिल करते हुए अमृतसर निवासी बलदेव सिंह सिरसा ने 20 अप्रैल, 1996 और 17 सितंबर, 2009 की अधिसूचना को रद्द करने की मांग की है। याची ने कहा कि 2014 हरियाणा सिख गुरुद्वारा (प्रबंधन) अधिनियम राज्य में लागू हो गया है, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने भी अनुमोदन दिया है। यही कारण है कि हरियाणा में SGPC (एसजीपीसी) के चुनाव से वर्तमान निर्वाचन क्षेत्रों को हटा दिया जाए और नए चुनाव क्षेत्रों को बनाया जाए।

केंद्र सरकार ने 20 अप्रैल, 1996 की अधिसूचना के माध्यम से सिख गुरुद्वारा अधिनियम 1925 की धारा 44 (1) के तहत दिए गए अधिकार का इस्तेमाल किया। इनमें से आठ निर्वाचन क्षेत्र हरियाणा राज्य से जुड़े हैं। हरियाणा के इन निर्वाचन क्षेत्रों में अंबाला (पंचकूला जिला सहित), यमुनानगर (नारायणगढ़ और बराड़ा तहसील सहित), कुरुक्षेत्र, करनाल (महम तहसील को छोड़कर पानीपत, सोनीपत और रोहतक), कैथल (जींद, भिवानी, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, गुरंग्राम, फरीदाबाद और रोहतक जिले की महम तहसील), हिसार, सिरसा और सिरसा की डबवाली तह

याचिकाकर्ता ने एसजीपीसी चुनाव के लिए निर्वाचन क्षेत्रों की सूची से इन निर्वाचन क्षेत्रों को हटाने की मांग की है। याचिका में कहा गया है कि SGPC चुनावों की प्रक्रिया आज तक ठीक से शुरू नहीं हुई है, इसलिए केंद्र और अन्य अधिकारियों को हरियाणा के चुनाव आयुक्त के परामर्श से तुरंत नए निर्वाचन क्षेत्रों को सूचित करना चाहिए।

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