अयोध्या: राम मंदिर को लेकर पंजाब भी पीछे नहीं, लगाया जाएगा लंगर

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Langar service
Langar service in Ayodhya

Langar service in Ayodhya: 22 जनवरी को भगवान श्री राम मंदिर के शुभारंभ को लेकर पूरे देश में उत्साह है, पंजाब भी इसमें शामिल है। यह खुशी का मौका होने पर पंजाब से निहंगों का एक जत्था अयोध्या में लंगर सेवा (Langar service) के लिए राशन लेकर चला गया है। निहंग सिंहों का जत्था बाबा फकीर सिंह रसूलपुर की याद में अयोध्या जा रहा है, जहां लोगों का लंगर होगा। बताया जा रहा है कि निहंग बाबा हरजीत सिंह रसूलपुर अयोध्या में श्री राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में लंगर चलाएंगे।

Langar service
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निहंग बाबा फकीर सिंह खालसा के आठवें वंशज बाबा हरजीत सिंह रसूलपुर ने आज यहां कहा कि वह अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन के अवसर पर देश-विदेश से आने वाली संगत की सेवा के लिए अयोध्या में लंगर का आयोजन करेंगे। 22 जनवरी 2024. उन्होंने कहा कि अपने पूर्वजों की तरह उनमें भी भगवान राम के प्रति सच्ची श्रद्धा और आस्था थी.

ध्यान दें कि उत्तर प्रदेश की राजधानी अयोध्या में बन रहे श्रीराम मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी 2024 को होगा। साथ ही, अयोध्या में उद्घाटन समारोह की व्यापक तैयारियां चल रही हैं। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे। प्राण प्रतिष्ठा से एक हफ्ते पहले पूजा-पाठ शुरू होगा।

Langar service

लंगर (Langar service) लगभग १५वीं शताब्दी में बनाया गया था

निहंग बाबा ने बताया कि आगामी 14 जनवरी माघी के शुभ अवसर पर अयोध्या में निरंतर चलने वाली लंगर सेवा (Langar service) की शुरुआत होगी। उनका कहना था कि सेवा का बहुत बड़ा इतिहास है। उनका कहना था कि आदि गुरु नानक देव जी ने लगभग १५वीं शताब्दी में लंगर का निर्माण किया था।

श्री भगवान राम के प्रति पुरानी श्रद्धा

निहंग बाबा हरजीत सिंह रसूलपुर ने आज सेक्टर 26 स्थित ग्रेन मार्किट से राशन के दो ट्रकों का जत्था रवाना करते हुए कहा कि उनके पूर्वजों की श्री भगवान राम के प्रति सच्ची श्रद्धा व आस्था रही है और उनकी भी उतनी ही है। यही कारण था कि 22 जनवरी 2024 को श्री राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा होने पर वे पीछे कैसे रह सकते हैं? यही कारण है कि अयोध्या में निहंग सिंहों के साथ लंगर लगा देश विदेश से आने वाली संगत की सेवा करेगा।

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उल्लेखनीय है की, गुरु नानक हर जगह बैठकर भोजन करते थे। ऊंच-नीच, जात-पात और अंधविश्वास को दूर करने के लिए सभी लोगों ने मिलकर भोजन (Langar service) करने की परंपरा शुरू की। लंगर की इस परंपरा को तीसरे गुरु अमरदास जी ने आगे बढ़ाया।

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