Auto and E-Rickshaw: महानगर के अड़ियल ऑटो व ई-रिक्शा चालक न तो वर्दी पहन रहे हैं और न ही ऑटो के आगे पीछे नेम प्लेट लगवा रहे है। शहर के अधिकांश ऑटो व ई-रिक्शा चालकों को पुलिस ने कई बार इस बारे में चेतावनी दी है, लेकिन उनका कान तक नहीं सरक रहा है।
Auto and E-Rickshaw : प्रशासनिक आदेशों का उल्लंघन
फरवरी में, ट्रैफिक पुलिस ने यूनियन नेताओं के साथ एक बैठक में कहा कि 15 मार्च तक सभी कार और ई-रिक्शा चालकों को स्टील ग्रे रंग की वर्दी, नेम प्लेट और ऑटो के पीछे नाम और पता की प्लेट लगानी होगी। 15 मार्च की डैडलाइन खत्म होने पर कुछ यूनियन नेताओं ने पुलिस से छुट्टी की मांग की, लेकिन पुलिस ने उन्हें फिर कुछ दिन की मोहलत दी।
डीजल ऑटो रिक्शा को शहर में घुसने से रोकने के मुद्दे पर ऑटो (Auto) चालक एक बार फिर से एकत्रित हुए और अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री की संगरूर रिहायश पर जाना चाहते थे. हालांकि, पुलिस अधिकारियों और राजनेताओं के साथ एक बैठक में उन्हें फिर से दो महीने का समय दिया गया।
यद्यपि अधिकारी स्पष्ट रूप से कहते हैं कि ऑटो और ई-रिक्शा चालकों को वर्दी पहननी और नेम प्लेट लगानी ही होगी, लेकिन इसके बावजूद चालक कुछ भी नहीं कर रहे हैं। आज भी शहर में 60 प्रतिशत से अधिक ई-रिक्शा चालक वर्दी और नेम प्लेट नहीं पहनते हैं। इसके अतिरिक्त, बहुत से रिक्शा चालकों ने नंबर प्लेट को भी नहीं लगाया।
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