खनना के BDPO कुलविंदर सिंह रंधावा पर गबन का आरोप लगा है। कांग्रेस पार्टी के ब्लॉक समिति चेयरमैन सतनाम सिंह सोनी और आप विधायक तरुणप्रीत सिंह सौंध ने बीडीपीओ कार्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए यह आरोप लगाया। विभाग के मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर, डीसी सुरभि मलिक और एसडीएम खन्ना बलजिंदर सिंह ढिल्लों को लिखित शिकायत भेजी गई है।
विधायक सौंध ने दावा – गलत तरीके से बैंक खाते खुलवाकर 58 लाख रुपये किए जमा
विधायक सौंध ने दावा किया कि BDPO ने ईओपीएस नाम से खन्ना ब्लॉक समिति के बैंक खाते खुलवाकर दो गांवों की पंचायती जमीन से लगभग 58 लाख रुपये जमा किए। उन्होंने किसी कंपनी को लगभग 58 लाख रुपये का भुगतान बिना किसी प्रस्ताव को सदन में पारित करवाए और बिना ब्लॉक समिति चेयरमैन से परामर्श लिए किसी प्रस्ताव को पारित करवाए। ईओपीएस खाते में मौजूद राशि को केवल कार्यालय कर्मियों के वेतन और कार आदि के लिए खर्च किया जा सकता है। उन्हें लगभग दस दिन पहले बताया गया था कि बीडीपीओ ऑफिस में धन मामले में बड़ी गड़बड़ी की संभावना है।
कांग्रेस ब्लॉक समिति चेयरमैन के साथ मिलकर जांच
कांग्रेस ब्लॉक समिति चेयरमैन सतनाम सिंह सोनी के साथ मिलकर उन्होंने इसकी जांच की। उन्हें बीडीपीओ (BDPO) द्वारा खुलवाए गए बैंक खातों और भुगतान की जानकारी मिली। जांच के बाद पता चलेगा कि किस फर्म के नाम पर कितने पैसे खर्च किए गए हैं और फर्जीवाड़ा कितना है। चेयरमैन ने बताया कि संबंधित बैंक भी संदेह में है। बैंक भी पूछताछ कर सकते हैं।
इस मामले में एक बड़ा घपला हुआ है
अध्यक्ष सोनी ने बताया कि गांव नसराली की पंचायती जमीन का ठेका स्टे के कारण समाप्त हो गया था। इन खातों में करीब चालिस लाख रुपये आए थे। बुल्लेपुर से भी करीब 18 लाख लोग आए थे। जून 2023 में खन्ना के मौजूदा बीडीपीओ कुलविंदर सिंह रंधावा ने 7 महीने में तीन बैंक खाते (खन्ना ब्रांच, एचडीएफसी बैंक अमलोह) खोले। ब्लॉक समिति ने इस दौरान कोई नया काम नहीं किया है और हाउस को इन भुगतानों की कोई जानकारी नहीं है। BDPO ने अमलोह में अपने कार्यकाल में भी कई आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि विधायक की उपस्थिति में बीडीपीओ से पूछा गया कि क्या आपने हाउस से इसकी अनुमति प्राप्त की है, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया।
जीरो टॉलरेंस सरकार का भ्रष्टाचार पर विचार है: विधायक तरुणप्रीत सिंह सौंध ने कहा कि आपकी सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस है। भ्रष्टाचारियों को सजा नहीं दी जाएगी। इस मामले की पूरी जांच की जाएगी और अगर कोई घोटाला पाया गया तो पैसे वापस लिए जाएंगे।